भारत में सड़क अवसंरचना एक बड़े बदलाव से गुजर रही है, और इसी परिवर्तन की दिशा में एक प्रमुख परियोजना है जम्मू–कटरा एक्सप्रेसवे — जो कि महत्वाकांक्षी दिल्ली–अमृतसर–कटरा कॉरिडोर का एक अहम हिस्सा है। यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे केवल एक सड़क नहीं है, बल्कि तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और मालवाहकों के लिए यात्रा का तरीका बदलने वाला मार्ग है।
जम्मू–कटरा एक्सप्रेसवे, जो कि एनई-5 (राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे 5) का हिस्सा है, एक छः-लेन एक्सप्रेसवे है जिसे दिल्ली से कटरा तक सीधा जोड़ा जाएगा — जो कि प्रसिद्ध वैष्णो देवी मंदिर की आधारशिला मानी जाती है। लगभग 670 किलोमीटर लंबा यह मार्ग एक बड़े एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य उत्तरी भारत में विशेष रूप से धार्मिक पर्यटन के लिए सड़क संपर्क को बेहतर बनाना है।
यह तीर्थयात्रा मार्ग दिल्ली, पंजाब (अमृतसर), जम्मू, और अंततः कटरा जैसे प्रमुख स्थलों से होकर गुजरेगा। इसके बनने से यात्रा का समय काफी हद तक कम हो जाएगा और हर साल लाखों श्रद्धालुओं को बहुत सुविधा होगी।
सालों से वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं को लंबे और भीड़भाड़ वाले मार्गों से गुजरना पड़ता था। अब दिल्ली–अमृतसर–कटरा एक्सप्रेसवे के साथ यह पूरी तस्वीर बदल जाएगी। वर्तमान में दिल्ली से कटरा की सड़क यात्रा 12 से 14 घंटे लगती है, जो इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद घटकर केवल 6 से 7 घंटे रह जाएगी।
यह एक्सप्रेसवे एनई-5 कॉरिडोर का एक हिस्सा है, जो कि एक प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना है जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय और अंतर-राज्यीय आवागमन को सुदृढ़ बनाना है। यह मार्ग ग्रीनफील्ड (नई सड़क) और ब्राउनफील्ड (पुराने मार्ग का उन्नयन) दोनों प्रकार की संरचना पर आधारित है, जिससे मौजूदा परिवेश में कम से कम बदलाव करते हुए अधिकतम लाभ मिल सके।
इस परियोजना का संचालन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा किया जा रहा है और यह भारत के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने के संकल्प का हिस्सा है। इसका लक्ष्य है आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्रों को एक ही कुशल सड़क नेटवर्क से जोड़ना।
कटरा अकेला ऐसा धार्मिक स्थल नहीं है जिसे इस परियोजना से लाभ होगा। यह एक्सप्रेसवे अमृतसर जैसे स्थानों तक पहुंच को भी आसान बनाएगा, जो कि स्वर्ण मंदिर का घर है, साथ ही मार्ग में आने वाले अन्य धार्मिक शहरों तक भी सुगम पहुंच प्रदान करेगा। यह तीर्थ गलियारा उत्तर भारत के पवित्र स्थलों को आपस में जोड़ने वाला एक आध्यात्मिक जीवन रेखा बन जाएगा।
जम्मू–कटरा एक्सप्रेसवे सिर्फ समय की बचत के लिए नहीं है — यह विकास को एक नई दिशा देने वाला कदम है। एक ऐसा कदम, जो श्रद्धालुओं को शांति, व्यवसायियों को गति, और पर्यटकों को सुविधा प्रदान करेगा।
एनएचएआई के नेतृत्व में यह परियोजना भारत के आध्यात्मिक और भौतिक दोनों विकास का प्रतीक बनती जा रही है। चाहे आप वैष्णो देवी की यात्रा पर हों, पंजाब की संस्कृति का आनंद लेने जा रहे हों, या व्यापारिक माल लेकर यात्रा कर रहे हों — यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे भारत को एक साथ जोड़ने की दिशा में एक बड़ा और दृढ़ कदम है।
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