भारत का माइनिंग और कंस्ट्रक्शन उपकरण क्षेत्र 2030 तक पहुंचेगा 45 अरब डॉलरभारत का माइनिंग और कंस्ट्रक्शन उपकरण क्षेत्र 2030 तक पहुंचेगा 45 अरब डॉलर

28 May 2025

भारत का माइनिंग और कंस्ट्रक्शन उपकरण क्षेत्र 2030 तक पहुंचेगा 45 अरब डॉलर

भारत का माइनिंग और कंस्ट्रक्शन उपकरण क्षेत्र 2030 तक 45 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, जिससे रोजगार, आर्थिक विकास और भारत को वैश्विक व्यवसाय हब

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BS

By Bharat

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भारत में माइनिंग (खनन) और कंस्ट्रक्शन (निर्माण) उपकरणों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, यह क्षेत्र साल 2030 तक 45 अरब डॉलर का हो सकता है। यह बढ़ोतरी सरकार की बड़ी योजनाओं, बेहतर नीतियों और देश में हो रहे बड़े निर्माण कार्यों की वजह से हो रही है।

विजन 2030: भारत के विकास का रोडमैप

सरकार का "विजन 2030" प्लान भारत को एक मजबूत और विकसित देश बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इसके तहत सड़कों, पुलों, रेलवे, मेट्रो और स्मार्ट शहरों जैसे कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इन कामों के लिए बड़ी मात्रा में कंस्ट्रक्शन मशीनरी और माइनिंग इक्विपमेंट की जरूरत होती है।

इसका मतलब है कि भारत में इन उपकरणों की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है, और यह देश को आत्मनिर्भर और वैश्विक व्यवसाय केंद्र बनाने में मदद करेगा।

भारतीय उद्योग परिसंघ-किर्नी रिपोर्ट से मिले अहम तथ्य

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि:

  • भारत का यह क्षेत्र 2030 तक 45 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
  • इससे 30 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
  • यह भारत की आर्थिक विकास में भी बड़ा योगदान देगा।
  • देश में बनने वाले उपकरणों की संख्या बढ़ेगी, जिससे भारत एक मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है।

सरकारी नीतियों से मिल रही है ताकत

सरकार ने कई अच्छे कदम उठाए हैं, जैसे:

  • विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए आसान नियम दिए गए हैं।
  • "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" जैसे अभियानों से देश में ही उपकरणों का निर्माण बढ़ रहा है।
  • नई तकनीकों से बनाए गए उपकरण पर्यावरण के लिए भी अच्छे हैं।

निर्माण कार्य और रोजगार में बढ़ोतरी

देश में जो भी नए प्रोजेक्ट बन रहे हैं, जैसे हाइवे, रेलवे, बिजली घर या खनन क्षेत्र, उनमें इन उपकरणों की जरूरत पड़ती है। जैसे-जैसे ये काम बढ़ेंगे, वैसे-वैसे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

साथ ही, इनसे जुड़े छोटे उद्योगों, ट्रांसपोर्ट, सर्विस और रिपेयर जैसे कामों में भी लोगों को काम मिलेगा।

निष्कर्ष: भारत की मजबूती की ओर एक कदम

भारत का माइनिंग और कंस्ट्रक्शन उपकरण क्षेत्र सिर्फ मशीनों का व्यापार नहीं है, यह देश की तरक्की और आत्मनिर्भरता का संकेत है। अगर सरकार, उद्योग और निवेशक मिलकर काम करें, तो भारत इस क्षेत्र में दुनिया के बड़े देशों में शामिल हो सकता है।

2030 तक 45 अरब डॉलर का यह लक्ष्य, भारत को मजबूत, आत्मनिर्भर और वैश्विक व्यवसाय शक्ति बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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