परिचयभारत का सबसे लंबा निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को पूरा होने में अभी दो साल और लगेंगे। इसकी मूल समय सीमा मार्च 2024 थी, जिसे पहले अक्टूबर 2025 तक बढ़ाया गया था, लेकिन मौजूदा प्रगति को देखते हुए यह 2027 से पहले पूरा नहीं हो पा...
परिचयसमृद्धि एक्सप्रेसवे अब पूरी तरह से जुड़ चुका है, जो मुंबई को नागपुर से जोड़ता है। यह 701 किलोमीटर लंबा तेज रफ्तार मार्ग है। इसका आखिरी 76 किलोमीटर का हिस्सा, जो इगतपुरी से अमाणे तक है, अब शुरू हो गया है। इसके साथ ही यह पूरा प्रोजेक्ट अब पूरा हो...
यमुना एक्सप्रेसवे, जिसे ताज एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है, 165.5 किलोमीटर लंबा, छह-लेन (जिसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है) का एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे है। यह ग्रेटर नोएडा के परी चौक को आगरा के पास कुबेरपुर से जोड़ता है। 9 अगस्त 2012 को उद्...
जे सी बी की 3डीएक्स बैकहो लोडर की रेंज में कई मशीनें हैं जो बेहतर प्रदर्शन, ईंधन दक्षता और आराम के लिए बनाई गई हैं। 3डीएक्स, 3डीएक्स प्लस, 3डीएक्स एक्सट्रा और 3डीएक्स सुपर - ये सभी मॉडल अलग-अलग साइट की ज़रूरतों को पूरा करते हैं, लेकिन इन सभी में एक ज...
उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास हो रहा है, और इसका ताजा उदाहरण है गाज़ियाबाद–कानपुर एक्सप्रेसवे। यह 380 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर गाज़ियाबाद और कानपुर के बीच यात्रा समय को लगभग 3 घंटे तक घटा देगा। यह न केवल यात्रियों बल्कि मालवाहन के लिए...
वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे पूर्वी भारत में सड़कों की कनेक्टिविटी को पूरी तरह बदलने वाला है। यह महत्वाकांक्षी एनएचएआई परियोजनाभारतमाला परियोजना के तहत एनएच319बी पर एक ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के रूप में बनाई जा रही है। यह राजमार्ग इस क्षेत्र की सबसे अहम बु...
परिचयगोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे 'भारतमाला परियोजना' के तहत बनाई जा रही चार-लेन वाली एक नियंत्रित-पहुँच सड़क है। इसे राष्ट्रीय राजमार्ग-27 के समानांतर, भारत-नेपाल सीमा के क़रीब बनाने की योजना है। यह राजमार्ग आबादी वाले इलाक़ों से दूर रहेगा, जिससे ब...
फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (एफएनजी) एक्सप्रेसवे एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना के रूप में उभर रहा है, जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आवागमन को आसान बनाने के लिए बनाया गया है। इसका लक्ष्य दिल्ली की सड़कों पर भीड़ कम करना है, क्योंकि...
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, जो एक प्रमुख एनएचएआई परियोजना है, तेजी से आकार ले रहा है। यह उत्तर भारत में कनेक्टिविटी को काफी बेहतर बनाएगा। यह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, जिसे आधिकारिक रूप से एनई-5 और एनई-5ए के रूप में जाना जाता है, यात्रा के समय को काफी ह...
भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बनने वाला सूरत–चेन्नई द्रुतमार्ग पश्चिम और दक्षिण भारत के राज्यों के बीच यात्रा के तरीके को पूरी तरह बदल देगा। इस विशाल अवसंरचना परियोजना की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के पास है। इसका उद्देश्...
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