वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे: मार्ग, समयसीमा और प्रमुख विवरणवाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे: मार्ग, समयसीमा और प्रमुख विवरण

05 Jun 2025

वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे: मार्ग, समयसीमा और प्रमुख विवरण

एनएच319बी पर बन रहा वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे यात्रा समय घटाएगा और पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी व बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा।

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By Indraroop

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वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे पूर्वी भारत में सड़कों की कनेक्टिविटी को पूरी तरह बदलने वाला है। यह महत्वाकांक्षी एनएचएआई परियोजनाभारतमाला परियोजना के तहत एनएच319बी पर एक ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के रूप में बनाई जा रही है। यह राजमार्ग इस क्षेत्र की सबसे अहम बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक है, क्योंकि इसका उद्देश्य यात्रा समय में कमी और व्यवसाय को बढ़ावा देना है।

एक्सप्रेसवे का मार्ग और मुख्य विशेषताएँ

यह एक्सप्रेसवे लगभग 610 किलोमीटर लंबा होगा, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के कोलकाता के पास उलुबेरिया के निकट समाप्त होगा। प्रस्तावित मार्ग बिहार और झारखंड के महत्वपूर्ण जिलों जैसे कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, चतरा, और धनबाद से होते हुए पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगा।

यह सड़क खास इसलिए है क्योंकि यह एक ग्रीनफील्ड मार्ग है, यानी इसे पूरी तरह नए सिरे से बनाया जा रहा है, किसी पुराने राजमार्ग पर नहीं। इससे योजनाकारों को ज्यादा सीधे मार्ग, भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचाव और बेहतर सफर की सुविधा मिलती है। इसका असर? वाराणसी से कोलकाता की यात्रा का समय 6 से 7 घंटे कम हो जाएगा।

यह कॉरिडोर छह लेन चौड़ा होगा, जिसमें एक्सेस कंट्रोल होगा और इसे तेज यातायात के हिसाब से बनाया जाएगा। इससे माल और यात्रियों दोनों के लिए यह एक सुरक्षित और कुशल मार्ग बन जाएगा।

समयसीमा, स्थिति और क्षेत्र पर प्रभाव

इस समय कई राज्यों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। कुछ हिस्सों में खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश में निर्माण कार्य शुरू भी हो चुका है। लक्ष्य है कि यह राजमार्ग 2027 तक पूरा हो जाए, हालांकि कुछ हिस्से इससे पहले ही चरणबद्ध तरीके से खोले जा सकते हैं।

इसकी रणनीतिक महत्ता को देखते हुए इसकी स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। जब यह परियोजना पूरी हो जाएगी, तो यह न केवल वाराणसी से कोलकाता तक की यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि एनएच2 और अन्य व्यस्त सड़कों का दबाव भी कम करेगी।

लेकिन यह प्रयास सिर्फ रफ्तार तक सीमित नहीं है। यह पिछड़े क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास का माध्यम भी है। किसानों और छोटे व्यवसायों को बाजारों तक बेहतर पहुँच, तेज आपूर्ति श्रृंखला और रोज़गार के अवसर मिलेंगे। इसका व्यापक प्रभाव? स्थानीय अर्थव्यवस्थाएँ और मजबूत होंगी।

जब वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे पूरा हो जाएगा, तब यह सिर्फ एक सड़क नहीं होगी — यह एक जीवनरेखा होगी जो पूर्वी भारत के सांस्कृतिक, व्यावसायिक और औद्योगिक केंद्रों को जोड़ने का काम करेगी। जैसे‑जैसे एनएच319बी आकार ले रहा है, यह क्षेत्र अब पहले से कहीं अधिक तेज और जुड़ा हुआ बन रहा है।91इन्फ्रा के साथ जुड़े रहें निर्माण उपकरण उद्योग से जुड़ी ताज़ा ख़बरों, अपडेट्स और विशेषज्ञ विश्लेषण के लिए। और अगर आप नया या इस्तेमाल किया हुआ व्यावसायिक वाहन खरीदने की सोच रहे हैं, तो 91ट्रक्स पर विस्तृत समीक्षा, विनिर्देश और बेहतरीन ऑफ़र देखें। साथ ही, ऑटोमोटिव से जुड़ी नवीनतम वीडियो और अपडेट्स के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सदस्यता लें और फेसबुक, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन पर हमें फॉलो करें।

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