भारत में व्यवसाय उपकरण क्षेत्र तेजी से उभर रहा है। निर्यात की बढ़ती मात्रा और रणनीतिक व्यापार पहलों के कारण यह क्षेत्र वैश्विक निर्माण केंद्र के रूप में पहचान बना रहा है। सरकार ने इस उद्योग को उच्च संभावनाओं वाला और निर्यात उन्मुख मानकर अंतरराष्ट्रीय...
जेसीबी इंडिया ने ईएक्सकॉन 2025 में नई 52-टन खोदाई मशीन पेश की और अपने व्यवसाय बाजार के लिए 10 से अधिक नई मशीनें दिखाई। यह प्रदर्शनी दक्षिण एशिया में निर्माण क्षेत्र को एक साथ लाने और उपकरणों की मांग तथा लंबी अवधि की नीतियों को समझने का मंच बनी।ईएक्सक...
भारत अपनी अवसंरचना विभाग में भारी निवेश कर रहा है: सड़कें, मेट्रो लाइनें और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएँ, जो शहर और देश के परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती हैं। इन परियोजनाओं के पीछे केवल लोग नहीं हैं, बल्कि मशीनें जैसे खुदाई करने वाली मशीनें (एक्सकेवेट...
निर्माण की दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। पहले जहाँ ज़्यादातर मशीनें केवल डीजल पर चलती थीं, अब उनके सामने इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड जैसे नए विकल्प हैं। हर प्रकार की तकनीक के अपने फायदे और सीमाएँ हैं। सही चुनाव इस बात पर निर्भर करता है कि परियोजना की ज़...
भारत में अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा निर्माण उद्योग से जुड़ा है। किसी भी परियोजना की सफलता के लिए उपकरण की उपलब्धता बेहद जरूरी है। कंपनियों के पास मशीनरी प्राप्त करने के दो मुख्य तरीके हैं: वित्तीय (फाइनेंसिंग) और व्यवसाय (लीज़िंग)। हर मॉडल अलग सं...
भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचा) का विकास देश की आर्थिक स्थिति तय करने में बहुत अहम भूमिका निभाता है। सड़कें, रेलमार्ग, बंदरगाह और दूरसंचार नेटवर्क देश में ज़रूरी जुड़ाव (कनेक्टिविटी) प्रदान करते हैं, जिससे व्यापार, निवेश और उत्पादन गतिविधिय...
उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास हो रहा है, और इसका ताजा उदाहरण है गाज़ियाबाद–कानपुर एक्सप्रेसवे। यह 380 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर गाज़ियाबाद और कानपुर के बीच यात्रा समय को लगभग 3 घंटे तक घटा देगा। यह न केवल यात्रियों बल्कि मालवाहन के लिए...
वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे पूर्वी भारत में सड़कों की कनेक्टिविटी को पूरी तरह बदलने वाला है। यह महत्वाकांक्षी एनएचएआई परियोजनाभारतमाला परियोजना के तहत एनएच319बी पर एक ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के रूप में बनाई जा रही है। यह राजमार्ग इस क्षेत्र की सबसे अहम बु...
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, जो एक प्रमुख एनएचएआई परियोजना है, तेजी से आकार ले रहा है। यह उत्तर भारत में कनेक्टिविटी को काफी बेहतर बनाएगा। यह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर, जिसे आधिकारिक रूप से एनई-5 और एनई-5ए के रूप में जाना जाता है, यात्रा के समय को काफी ह...
भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बनने वाला सूरत–चेन्नई द्रुतमार्ग पश्चिम और दक्षिण भारत के राज्यों के बीच यात्रा के तरीके को पूरी तरह बदल देगा। इस विशाल अवसंरचना परियोजना की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के पास है। इसका उद्देश्...