तमिलनाडु सरकार एक नया 142 किलोमीटर लंबा छह लेन वाला हाईवे बनाने की योजना पर काम कर रही है, जो चेन्नई और वेल्लोर को जोड़ेगा। यह चेन्नई–वेल्लोर हाईवे सफर को तेज़ करेगा, ट्रैफिक कम करेगा और उद्योगों को सामान ढोने में आसानी देगा। यह तमिलनाडु के बड़े बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट्स में से एक है, जिसका मकसद राज्य की तरक्की को तेज़ करना है।
यह हाईवे ओरगडम के पास बन रहे चेन्नई पेरिफेरल रिंग रोड से शुरू होगा और वेल्लोर के एनएच38 तक जाएगा। रास्ते में यह ओरगडम इंडस्ट्रियल हब और चेय्यार एसआईपीसीओटी इंडस्ट्रियल पार्क जैसे महत्वपूर्ण इलाकों से गुज़रेगा। ओरगडम से चेय्यार तक 68 किलोमीटर की ज़मीन पहले ही अधिग्रहित की जा रही है। इस हाईवे का रास्ता पहले प्रस्तावित चेन्नई–सेलम एक्सप्रेसवे से मिलता-जुलता है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था।
इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य सामान की ढुलाई को तेज़ और आसान बनाना है। कत्तुपल्ली और एन्नोर बंदरगाहों से निकलने वाले ट्रकों को अब औद्योगिक क्षेत्रों तक पहुँचने में कम समय लगेगा। अभी चेन्नई–बेंगलुरु हाईवे का श्रीपेरंबुदूर–वेल्लोर हिस्सा भारी ट्रैफिक से जूझ रहा है। नया हाईवे उस बोझ को कम करेगा और कारोबारियों को सामान लाने-ले जाने में राहत देगा।
यह सड़क ओरगडम से शुरू होकर चेय्यार एसआईपीसीओटी से गुज़रते हुए वेल्लोर तक जाएगी। कुछ हिस्सों के लिए ज़मीन अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है। बाकी हिस्से के लिए एक अध्ययन किया जाएगा, जिसमें तय होगा कि मौजूदा सड़कों को चौड़ा किया जाए या नई सड़क बनाई जाए।
तमिलनाडु रोड डेवलपमेंट कंपनी ने इस प्रोजेक्ट पर अध्ययन कराने की पहल की है। यह अध्ययन देखेगा कि किन हिस्सों को अपग्रेड किया जाए और किन्हें बिल्कुल नया बनाया जाए। इसका मकसद है कि सड़क उद्योगों के लिए भी काम की हो और आसपास रहने वाले लोगों की सुविधा भी बनी रहे।
चेन्नई–वेल्लोर हाईवे से राज्य की अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ होगा। यह उद्योगों को आकर्षित करेगा, रोज़गार पैदा करेगा और सामान ढुलाई को सस्ता व तेज़ बनाएगा। अच्छी सड़कों से निर्यात और व्यवसाय गतिविधियाँ भी बढ़ेंगी। यह प्रोजेक्ट तमिलनाडु को मजबूत औद्योगिक केंद्र बनाने के सपने को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।
अभी तक सटीक तारीख़ तय नहीं हुई है। लेकिन ज़मीन अधिग्रहण और अध्ययन का काम शुरू हो चुका है, इसलिए निर्माण जल्द ही शुरू हो सकता है। यह हाईवे चरणों में बनाया जाएगा ताकि लोगों और कारोबारियों को कम से कम परेशानी हो।
142 किलोमीटर लंबा छह लेन वाला चेन्नई–वेल्लोर हाईवे सफर को आसान बनाएगा, ट्रैफिक घटाएगा और उद्योगों को नई ताकत देगा। कामगारों, परिवहनकर्ताओं और कारोबारियों के लिए यह प्रोजेक्ट तेज़ आवाजाही और नए मौकों का वादा करता है। यह तमिलनाडु के लिए बेहतर सड़कें बनाने और विकास को आगे बढ़ाने की बड़ी पहल है।
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