अमेरिकी शुल्क के बावजूद जेसीबी इंडिया का विकास जारी, स्टेज V मशीनों पर भरोसा

11 Aug 2025

अमेरिकी शुल्क के बावजूद जेसीबी इंडिया का विकास जारी, स्टेज V मशीनों पर भरोसा

अमेरिकी शुल्क के बीच जेसीबी इंडिया नई तकनीक और स्टेज V मशीनों से वैश्विक व भारतीय बाजार में बढ़त बना रही है।

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PV

By Pratham

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जेसीबी इंडिया अपने वैश्विक योजनाओं को आगे बढ़ा रही है, भले ही अमेरिका के नए शुल्क से निर्माण उपकरणों के निर्यात पर दबाव पड़ा हो। कंपनी इस असर को कम करने के लिए नई तकनीक, व्यापार समझौते और उभरते बाजारों पर भरोसा कर रही है।

जेसीबी इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक दीपक शेट्टी ने कहा, “अमेरिका एक बड़ा बाजार है। पिछले साल हमने भारत से लगभग 10,000 मशीनें जेसीबी के रूप में निर्यात कीं, जबकि पूरे उद्योग ने 12,000–13,000 मशीनें भेजीं। शुल्क का असर होगा, लेकिन यह सिर्फ अल्पकालिक चुनौती है।”

अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है। इसमें वाहन क्षेत्र भी शामिल है, जिसमें निर्माण उपकरण की श्रेणियां आती हैं। असर उत्पाद के विशेष एचएसएन कोड पर निर्भर करेगा। शेट्टी का कहना है कि नकारात्मक प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए। जेसीबी का 135 देशों में नेटवर्क है और इसके कारखाने भारत, ब्रिटेन, ब्राज़ील और अमेरिका में हैं, जिससे कंपनी मशीनों को अन्य बाजारों में भेज सकती है।

मुक्त व्यापार समझौता और नए बाजार

जेसीबी यूरोप में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते पर भरोसा कर रही है। शेट्टी ने कहा, “बाजार मौजूद है; हमारी मशीनों की अच्छी पहचान है। यह समझौता हमें कीमत में और प्रतिस्पर्धी बनाएगा।”

यूरोप के अलावा कंपनी दक्षिण एशिया और अफ्रीका में भी तेजी से बढ़ रही है। नेपाल में बिक्री पिछले साल 250 मशीनों से बढ़कर 2025 में 700 तक पहुंचने की उम्मीद है। श्रीलंका में 500–600 मशीनें बिकने की संभावना है। अफ्रीका में, इथियोपिया, केन्या, तंजानिया, युगांडा और अंगोला में पिछले 3 साल में बिक्री तीन गुना हुई है।

भारत में दबाव महसूस हो रहा है

भारत का निर्माण उपकरण क्षेत्र पिछले साल केवल 3% बढ़ा, जबकि उससे पहले लगातार 20% से ज्यादा की वृद्धि हो रही थी। चुनाव के कारण परियोजनाओं में देरी से असर पड़ा। इस साल जनवरी में जेसीबी सीईवी V उत्सर्जन मानकों पर बदलाव के कारण भी बिक्री धीमी हुई। कई खरीदारों ने पहले ही मशीनें खरीद लीं, जिससे बाद में बिक्री घटी।

जुलाई में उद्योग की बिक्री साल-दर-साल 33% घटकर 3,509 इकाइयों पर आ गई। यह सभी व्यवसाय वाहन श्रेणियों में सबसे बड़ी गिरावट थी, जिसे फाडा (फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन) ने दर्ज किया। जेसीबी इंडिया की खुदरा बिक्री जुलाई 2024 के 2,293 इकाइयों से घटकर जुलाई 2025 में 1,731 रह गई। फिर भी कंपनी का बाजार हिस्सा लगभग 50% तक पहुंच गया।

शेट्टी का अनुमान है कि इस साल बाजार “स्थिर रहेगा, 3% ऊपर-नीचे” हो सकता है। सामान्य मानसून, ग्रामीण मांग और बुनियादी ढांचा खर्च से साल के दूसरे हिस्से में सुधार आ सकता है। “पिछला साल हमारे 45 साल के इतिहास में सबसे अच्छा रहा। यह साल दूसरा सबसे अच्छा हो सकता है।”

स्टेज V मशीनें बनीं मुख्य ताकत

जहां प्रतिस्पर्धी पुराना स्टॉक बेचने में लगे थे, वहीं जेसीबी ने अपना स्टेज V मशीनों का नया रेंज लॉन्च किया। इन मशीनों में 14–15% बेहतर ईंधन दक्षता है। रखरखाव खर्च कम है और कुल स्वामित्व लागत स्टेज IV मॉडल से कम है। 2025 के पहले छह महीनों में 20,000 से ज्यादा स्टेज V मशीनें बिक चुकी हैं।

कंपनी को लंबे समय में मजबूती की उम्मीद है। शेट्टी का अनुमान है कि अगले पांच साल में निर्माण उपकरण उद्योग 10–12% की वार्षिक दर से बढ़ेगा। 2030 तक भारत चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन सकता है, जहां हर साल करीब 2,50,000 मशीनें बिकेंगी।

शेट्टी ने कहा, “राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन से लेकर आवास योजनाओं तक, सरकारी परियोजनाएं मांग बढ़ाएंगी। हर घर बनाने से पहले आपको जमीन समतल करनी होती है और नींव खोदनी पड़ती है। यही निर्माण उपकरण का काम है।”

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